वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देखि नाग मन मोहे॥
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। येहि अवसर मोहि आन उबारो॥
जो यह पाठ करे मन लाई। ता पार होत है शम्भु सहाई॥
काशी में विराजे विश्वनाथ, नंदी ब्रह्मचारी ।
जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्तवास शिवपुर में पावे॥
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय ।।
जो यह पाठ करे मन लाई। ता पार होत है शम्भु सहाई॥
जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
माँ री माँ वो मेरा स्वामी, मैं उस के पट की अनुगामी।
किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥
शिव जी तो है बड़े दयालु देंगे दोनों हाथो से,
शिव आरती
नमो नमो जय नमो शिवाय। सुर ब्रह्मादिक shiv chalisa in hindi पार न पाय॥